क्या सच में बंद होने वाला है Vodafone-Idea

vodafone idea latest news
टेलीकॉम कंपनी Vodafone-Idea के लिए मुसीबतों का दौर खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है। ऐसे में कयास लगाया जा रहा है कि बहुत ही जल्द यह कंपनी भी बंद हो जाएगी। हाल ही में एक ऐसी खबर निकलकर आई है जो वाकई में कंपनी के लिए चिंता का विषय है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार एक सरकारी अधिकारी के द्वारा ऐसा कहा गया है कि आगामी फरवरी महीने तक कंपनी के प्रमोटर्स अगर निवेश नहीं करते हैं तो कंपनी खतरे में आ जाएगी। क्योंकि सरकार को भी इस कंपनी की ओर से निवेश के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। वर्तमान में कंपनी आर्थिक संकट से गुजर रही है तथा उसे पूंजी की काफी जरूरत है। ऐसे में कंपनी पूरी तरह से प्रमोटर्स के ऊपर ही निर्भर है। कंपनी को सरकार के समक्ष एक बेहतर निवेश की योजना को पेश करना होगा ताकि उसे भी कंपनी पर भरोसा हो पाए। अगर कंपनी ऐसा करने में असफल हो जाती है तो उसे अपना व्यापार समेटकर इस टेलीकॉम बाजार से बाहर निकलना पड़ सकता है।

• वोडोफोन और आइडिया बंद क्यों हुए थे :

वोडाफोन ब्रिटेन की वोडाफोन पीएलसी ग्रुप की एक टेलीकॉम कंपनी है जो भारत में 2G,3G,4G तथा VoLTE सेक्टर में अपनी सेवाएं दे रही हैं। इसकी भारत में एंट्री वर्ष 2004 में हुई थी। जब इसने हच नामक टेलीकॉम कंपनी को खरीद लिया तथा इसका नाम बदलकर वोडाफोन कर दिया। लेकिन यह कंपनी भी भारत में कुछ खास कमाल नहीं कर पाती तथा आर्थिक संकटों का सामना करते हुए यह 31 अक्टूबर 2018 को बंद हो गई।

ऐसा हश्र आदित्य बिड़ला की स्वामित्व वाली भारतीय टेलीकॉम कंपनी आइडिया के साथ भी हुआ। आइडिया सेल्यूलर की स्थापना वर्ष 1995 में हुई थी। जिसने वर्ष 1997 से गुजरात और महाराष्ट्र के अंदर अपनी सेवाएं प्रारंभ की थी। इसके बाद देश के दूसरे राज्यों में भी अपनी GSM सेवाएं प्रारंभ की। फिर इस कंपनी ने अपना विस्तार करते हुए 3G,4G तथा VoLTE सेवाएं देना आरंभ की। लेकिन 2016 में जब रिलायंस जियो लॉन्च हुई तो आइडिया सेल्यूलर के कदम लड़खड़ा गए। क्योंकि जियो ने इनकमिंग तथा आउटगोइंग पूरी तरह से मुफ्त कर दिया था। जियो ने 4G डाटा के प्लान भी काफी सस्ते रखें थे। जिस कारण आइडिया सेल्यूलर को भी अपना प्लान सत्ता करना पड़ा।जिस कारण उसे काफी नुकसान का सामना करना पड़ा। कंपनी के लिए आर्थिक संकटों का दौर जारी रहा तथा 31 अक्टूबर 2018 को यह टेलीकॉम कंपनी पूरी तरह से बंद हो गई।

• वोडाफोन तथा आइडिया ने मिलकर पार्टनरशिप करके एक नई कंपनी क्यों बनाई :

चूंकि दोनों ही कंपनियों को काफी अधिक नुक्सान हो चुका था तथा उन दोनों के ऊपर सरकार की एक बहुत बड़ी राशि भी बकाया थी। इस कारण ही दोनों कंपनियों ने मिलकर वी-आई यानि वोडाफोन-आइडिया नामक एक नई टेलीकॉम कंपनी की शुरुआत 31 अक्टूबर 2018 को की। लेकिन इससे भी मुसीबतों का दौर खत्म नहीं हुआ और यह कंपनी भी लगातार घाटे की ओर जा रही है। अगर यही स्थिति बनी रही तो इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता है कि बहुत ही जल्द यह भी बंद हो जाएगी।

• इससे पहले भी अक्टूबर महीने में इस कंपनी के बंद होने की खबरें उड़ी थीं :

वर्ष 2022 के अक्टूबर महीने में भी ऐसा कहा जा रहा था कि कंपनी नवंबर महीने से अपनी सेवाएं नहीं दे पाएगी। क्योंकि कंपनी का इंडस टावर के ऊपर एक बहुत बड़ा बकाया था। इंडस टावर वही कंपनी है जो सेल्यूलर कंपनियों को नेटवर्क उपलब्ध कराती है। चूंकि वोडाफोन-आइडिया ने इस कंपनी को एक लंबे समय से भुगतान नहीं किया था। इसलिए कंपनी का बकाया बहुत बढ़ गया था। इंडस टावर ने भी साफ-साफ कह दिया था कि कंपनी अगर भुगतान नहीं करती है तो वह इस सेल्यूलर कंपनी को नवंबर महीने से नेटवर्क प्रदान नहीं करेगी। जिस कारण इस कंपनी के बंद होने की खबरें उड़ी थी।


Post a Comment