कैसे बने ऋषि सुनक भारतीय मूल के प्रथम ब्रिटिश प्रधानमंत्री

Indian Origin British Prime Minister

Rishi Sunak भारतीय मूल के ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनने वाले प्रथम व्यक्ति बन गये हैं।यह हमारे लिए बहुत गौरव की बात है। जिस देश ने भारत पर लगभग सौ सालों तक राज किया,उसी देश के शासन की बागडोर भारतीय मूल का एक राजनेता संभालेगा।यह एक यादगार दिन भी रहेगा,क्योंकि 24 अक्टूबर 2022 को दिवाली के अवसर पर भारत को गौरवान्वित करने वाली घटना घटित हुई है।आज ही के दिन मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम लंका फतह और चौदह वर्षों का वनवास पूरा करके अपने जन्म और कर्मभूमि अयोध्या लौटे थे।एक भारतीय मूल के राजनेता का ब्रिटिश प्रधानमंत्री बनना,लंका फतह करने से कम नहीं है।

ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि ब्रिटेन के साथ भारत के संबंधों में सुधार होगा।इस अवसर पर देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें शुभकामनाएं भेजी हैं।ब्रिटेन की भूतपूर्व प्रधानमंत्री मैरी एलिजाबेथ ट्रस ने भी उन्हें प्रधानमंत्री बनने पर बधाई दी।मैरी एलिजाबेथ ट्रस,जिन्हें लिज ट्रस के नाम से जाना जाता है,वर्तमान में ब्रिटिश कंजर्वेटिव पार्टी की सदस्य हैं।ट्रस प्रधानमंत्री के रूप में सबसे कम अवधि का कार्यभार संभालने वाली प्रथम ब्रिटिश प्रधानमंत्री हैं।उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री बोरिस जोनसन के इस्तीफे के बाद 6 सितंबर 2022 को पद ग्रहण किया था और मात्र 45 दिनों में 20 अक्टूबर को अपना इस्तीफा दे दिया।

• कौन हैं ऋषि सुनक : 

ऋषि सुनक भारतीय मूल के ब्रिटिश नागरिक हैं, जिनका जन्म यूनाइटेड किंगडम के साउथेम्पटन शहर में 12 मई 1980 ई. को हुआ था।वे एक पंजाबी परिवार से ताल्लुक रखते हैं।उनकी स्कूली शिक्षा पूर्वी इंग्लैंड के देश हेम्पशायर के विनचेस्टर शहर में स्थित विनचेस्टर कॉलेज में हुई थी।आगे की शिक्षा प्राप्त करने के लिए उन्होंने इंग्लैंड के लिंकनशायर शहर में स्थित ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के लिंकन कॉलेज में दाखिला लिया,जहां उन्होंने अर्थशास्त्र,राजनीति एवं दर्शनशास्र में स्नातक की पढ़ाई वर्ष 2001 में पूरी की। इसके पश्चात उन्होंने संयुक्त राज्य अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्थित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से एमबीए की डिग्री हासिल की।

• कौन‌ हैं ऋषि सुनक के परिवार के सदस्य :

ऋषि सुनक भारत के एक पंजाबी परिवार से संबंध रखते हैं।उनके पिता का नाम यशवीर सुनक तथा माता का नाम उषा सुनक है।उनका पंजाबी परिवार सबसे पहले पूर्वी अफ्रीका में बसा था,90 के दशक में यह परिवार इंग्लैंड में आकर बस गया। ऋषि सुनक तीन भाई-बहनों में सबसे बड़े हैं।उनके भाई का नाम संजय सुनक है, जो पेशे से एक साइकोलॉजिस्ट हैं तथा बहन का नाम राखी सुनक है जो "यूनाइटेड नेशन्स ग्लोबल फंड फॉर एजुकेशन" में एक मुख्य अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं। 

ऋषि सुनक भारत की दिग्गज आईटी कंपनी इन्फोसिस के संस्थापक श्री नागावरा रामाराव (एन. आर.) नारायणमूर्ति के दामाद हैं।उनका विवाह श्री एन. आर. नारायणमूर्ति की पुत्री अक्षता मूर्ति से वर्ष 2009 में हुआ था।इन दोनों की मुलाकात सबसे पहले संयुक्त राज्य अमेरिका के कैलिफोर्निया में स्थित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई के दौरान ही हुई थी।उनके दो बच्चे हैं। उनके‌ बेटे का नाम कृष्णा सुनक है तथा बेटी का नाम अनुष्का सुनक है।वर्तमान में श्री सुनक और उनका परिवार इंग्लैंड में ही रह रहा है।

• ऋषि सुनक का ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से प्रधानमंत्री बनने तक का सफर :

बर्ष 2001 में ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी के लिंकन कॉलेज से अपनी स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के पश्चात श्री सुनक ने अमेरिकी निवेश तथा वित्तीय सेवा कंपनी गोल्डन शेच्स में एनालिस्ट के तौर पर कार्य किया।वहां उन्होंने  वर्ष 2001 से  2004 तक अपनी सेवाएं दीं।

इसके बाद उन्होंने यूके आधारित एक एलएलपी कंपनी "The Children's Investment Fund Management" में अपना योगदान दिया।इस कंपनी का प्रमुख कार्य लिए जमा की गई राशि का दुनिया की बेहतर कंपनियों में लंबी अवधि के लिए निवेश करना है ताकि अच्छा मुनाफा प्राप्त हो।इसकी स्थापना वर्ष 2003 में क्रिश‌ होन‌ के द्वारा की गई थी।वर्ष 2006 में श्री सुनक इसके पार्टनर बने।वहां तीन वर्ष कार्य करने के पश्चात 2009 में इस कंपनी को छोड़ दिया।इसी वर्ष ऋषि सुनक की शादी प्रसिद्ध व्यापारी तथा इन्फोसिस के संस्थापक एन. आर. नारायणमूर्ति की पुत्री अक्षता मूर्ति के साथ हुई।"Children's Investment Fund Management" कंपनी छोड़ने के बाद अपने एक सहपाठी के साथ "थेलेमे पार्टनर्स" नामक निवेश बैंक ज्वाइन किया। उन्होंने 2013 से लेकर 2015 तक अपने ससुर की स्वामित्व वाली निवेश कंपनी कैटमरन वैंचर्स में निदेशक का पद भी संभाला।

श्री सुनक के राजनैतिक जीवन की शुरुआत तब हुई,जब उन्हें वर्ष 2014 में यूनाइटेड किंगडम की कंजर्वेटिव पार्टी के द्वारा उत्तरी योर्कशायर के रिचमोंड संसदीय क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया।जब उन्हें पार्टी द्वारा उम्मीदवार चुना गया, तब इस क्षेत्र के सांसद विलियम होग थे।2015 में हुए चुनाव में श्री सुनक ने अपने प्रतिद्वंदी वेंडी मोर्टन को हराकर रिचमोंड संसदीय क्षेत्र से सांसद के रूप में निर्वाचित होकर यूनाइटेड किंगडम की हाउस ऑफ कॉमन्स में पहली बार कदम रखा।यहीं से उनके प्रधानमंत्री बनने का सफर शुरू हुआ। 

उन्होंने वर्ष 2018 में तत्कालीन प्रधानमंत्री "थेरेसा मे" की सरकार में संसदीय अवर सचिव के रूप में अपना योगदान दिया।उन्होंने "मे" की‌ ब्रेक्सिट रद्द करने के प्रस्ताव का समर्थन करने के लिए तीन बार वोट किया था।ब्रेक्सिट प्रस्ताव यूनाइटेड किंगडम के यूरोपियन यूनियन से अलग होने का एक प्रस्ताव था।वर्ष 2019 में थेरेसा मे के इस्तीफे के बाद श्री सुनक ने बोरिस जोनसन के कंजर्वेटिव पार्टी के नेता बनने का समर्थन किया तथा उनके समर्थन में प्रचार भी किया।जब 2019 में बोरिस जोनसन की सरकार बनी तब उन्हें राजकोश का मुख्य सचिव बनाया गया।श्री सुनक ने कोरोना महामारी के दौरान ब्रिटेन में सरकार की आर्थिक नीतियों पर काम करते हुए उन्हें लागू करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

2021 से लेकर 2022 तक जब विश्वभर में कोरोना महामारी अपनी चरम सीमा पर था,तब बाकी देशों की तरह ही ब्रिटेन में भी लोगों के मेल-मिलाप एवं भीड़ इकट्ठा करने पर प्रतिबंधित लगा हुआ थ।ऐसे में जब बोरिस जोनसन एवं कंजर्वेटिव पार्टी के नेताओं की भीड़-भाड़ वाली पार्टी करते हुए तस्वीरें मीडिया में बाहर आई,तब तत्कालीन सरकार के ऊपर कई प्रकार के आरोप लगे।इसका खमियाजा ऋषि सुनक को भी भुगतना पड़ा।इस कारण उन्होंने 5 जुलाई 2022 को अपना इस्तीफा दे दिया।उनके इस्तीफे के बाद सरकार में भी हलचल होने लगी।इसके पश्चात जब सरकार के स्वास्थ्य सचिव साजिद जाविद ने इस्तीफा दिया तो बोरिस जोनसन की सरकार में हड़कंप मच गया।अंत में दबाव के चलते बोरिस जोनसन ने 7 जुलाई 2022 को कंजर्वेटिव पार्टी के नेता से इस्तीफा दे दिया।इसके बाद उसे 6 सितंबर 2022 को ब्रिटेन के प्रधानमंत्री के पद से भी इस्तीफा देना पड़ा।

बोरिस जोनसन के द्वारा प्रधानमंत्री का पद छोड़ने के बाद मैरी एलिजाबेथ ट्रस (लिज ट्रस) ने 6 सितंबर 2022 को देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री के रूप पदभार ग्रहण किया।20 अक्टूबर 2022 को ट्रस के इस्तीफे के पश्चात पार्टियों के बीच सरकार बनाने की कवायद शुरू हो गई।कंजर्वेटिव पार्टी के सदस्यों द्वारा ऋषि सुनक को पार्टी का नेता बनाये जाने पर सहमति बनी तथा उन्हें भारी समर्थन भी दिया।जिसके परिणामस्वरूप ऋषि सुनक को 24 अक्टूबर 2022 को ब्रिटेन का प्रधानमंत्री बनाया गया।

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