Paytm Share Price में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट ! और कितना गिर सकता है शेयर ?

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22 नवंबर 2022 को Paytm Share Price में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।इस दिन शेयर का मूल्य 11.44% गिरकर ₹475.55 पर बंद हुआ।21 नवंबर की तुलना में शेयर का मूल्य ₹61.45 घटा है।

इसके पहले 17 नवंबर 2022 को भी Paytm Share Price में एक बड़ी गिरावट दर्ज की गई है।Paytm के शेयर की कीमत तब 10% तक गिर गई,जब जापान की सॉफ्टबैंक ग्रुप ने One97 Communications Limited की मोबाइल पेमेंट्स कंपनी Paytm में अपनी भागीदारी में कटौती करने का फैसला लिया।सॉफ्टबैंक की इस भारतीय कंपनी में 12.9 प्रतिशत की भागीदारी है।लेकिन विगत कई महीनों से शेयर के निराशाजनक प्रदर्शन के कारण कंपनी ने ब्लॉक डील के द्वारा अपना 4.5 प्रतिशत अर्थात एक तिहाई हिस्सा बेच दिया है।सॉफ्टबैंक द्वारा संस्थागत निवेशकों-Mutual Funds,FII तथा FDI को Paytm Share ₹555‌ से लेकर ₹602 तक में ऑफर किए गए थे।सॉफ्टबैंक अपने शेयरों की बिक्री के लिए बैंक ऑफ अमेरिका की मदद ली,जिसने इस ब्लॉक डील में ब्रोकर की भूमिका निभाई है।16 सितंबर 2022 को लॉक-इन पीरियड खत्म हो जाने के बाद निवेशकों में अपनी हिस्सेदारी बेचने की होड़ लग गई है क्योंकि शेयर घाटे की ओर लगातार बढ़ता जा रहा है।इस बिक्री के कारण शेयर की कीमत में और गिरावट दर्ज की जा सकती है।पिछले वर्ष कोरोना महामारी से उत्पन्न वैश्विक मंदी तथा वर्तमान में रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण Paytm Share Price लगातार गिर रहा था।जिस कारण निवेशकों को काफी घाटा हुआ है।17 सितंबर की सुबह को शेयर ₹562.75 पर खुला और अधिकतम ₹565.75 तक गया।फिर न्यूनतम ₹535 में आकर,10 प्रतिशत की गिरावट दर्ज करते हुए ₹536.60 पर बंद हुआ।

• आज Paytm Share Price कितना है :

5 दिसंबर 2022 के अनुसार Paytm Share Price ₹523 है।2 दिसंबर की तुलना में यह ₹13.95 घटा है तथा इसमें 2.60% की गिरावट दर्ज की गई है।

• IPO क्या होता है :

IPO का पूर्ण रूप Initial Public Offering होता है।जब कोई कंपनी पहली बार शेयर बाजार में उतरती है तो सबसे पहले पूंजी इकट्ठा करने के लिए एक निश्चित मूल्य सीमा में लोगों को कंपनी में हिस्सेदारी ऑफर करती है, जिसे IPO (Initial Public Offering) कहा जाता है।IPO की खरीददारी एक निश्चित समय सीमा के अंदर ही की जा सकती है,जो 3 से लेकर 10 दिनों तक का हो सकता है। इसके द्वारा कोई व्यक्ति उस कंपनी का भागीदार बन जाता है,जिसका उसने IPO खरीदा है।इसे प्राइमरी मार्केट कहा जाता है।क्योंकि इसमें निवेशक और कंपनी के बीच लेनदेन होता है।IPO की खरीददारी की तय सीमा पूरी होने पर लोगों को IPO अलॉट किए जाते हैं।निवेशकों को IPO अलॉट हो जाने के बाद उन्हें कंपनी द्वारा शेयर्स दिए जाते हैं।फिर ये शेयर्स स्टॉक एक्सचेंज में दर्ज हो जाते हैं।जिसके बाद ये शेयर्स बाजार में खरीदे या बेचे जा सकते हैं।निवेशकों द्वारा IPO के रूप में खरीदे गए शेयर्स एक साल की अवधि तक बेचे नहीं जा सकते हैं।इस अवधि को लॉक-इन पीरियड कहा जाता है।यह नियम सभी IPO पर लागू होता है।

• Share और IPO में क्या अंतर होता है :

(i) जब कोई कंपनी शेयर बाजार में व्यापार करने लिए पहली बार स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होती है तो अपनी पूंजी जमा करने या बढ़ाने के उद्देश्य से लोगों को अपनी हिस्सेदारी बेचती है,जिसे IPO (Initial Public Offering) कहते हैं।

कंपनी की स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टिंग होने के बाद लोगों को अलॉट किए गए IPO को कई हिस्सों में बांट दिया दिया जाता है, जिन्हें शेयर्स कहा जाता है।ये शेयर्स सेकेंडरी मार्केट अर्थात खुले शेयर बाजार में लोगों द्वारा खरीदे एवं बेचे जा सकते हैं।

(ii) IPO की बिक्री केवल संबंधित कंपनी द्वारा ही की जा सकती है जबकि शेयर्स की बिक्री कोई भी कर सकता है।

(iii) IPO‌ में एक वर्ष का आवश्यक लॉक-इन पीरियड होता है जबकि सामान्य शेयर्स के लिए ऐसा कोई नियम नहीं होता है।

• IPO की खरीददारी कैसे की जाती है :

IPO की खरीददारी करने के लिए आपको सबसे पहले किसी ब्रोकर के यहां एक डिमेट अकांउट (शेयर की खरीद-बिक्री करने वाला अकाउंट) खुलवाना पडेगा।वर्तमान में कई ब्रोकर मौजूद हैं जैसे-Zerodha,5Paisa,Upstox,Samco इत्यादि।इस डिमेट अकांउट के जरिए आप आसानी किसी भी कंपनी का IPO खरीद सकते हैं।

जब भी कोई IPO पहली बार स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट होती है तो ब्रोकर के एप्लिकेशन या बेबसाइट पर इसकी खरीदारी का विकल्प आपको दिखाई पड़ता है।इसमें एक निश्चित मूल्य सीमा के अंदर IPO को खरीदा जा सकता है।सभी IPO में एक लॉट साइज निर्धारित किया जाता है।जिसमें कम से कम एक शेयर होना आवश्यक है।इसकी अधिकतम सीमा का निर्धारण कंपनी के द्वारा किया जाता है।जब IPO की खरीददारी की तारीख खत्म हो जाती है तो निवेशकों को कंपनी के द्वारा एक निर्धारित मूल्य पर तथा निश्चित संख्या में शेयर्स उपलब्ध कराए जाते हैं।

• Paytm क्या है :

Paytm भारत की एक मोबाइल पेमेंट्स एवं वित्तीय सेवा प्रदाता कंपनी है।इसके द्वारा प्रत्येक व्यक्ति को एक डिजिटल वॉलेट उपलब्ध कराया जाता है।जिसमें आप अपने पैसों को सुरक्षित रख सकते हैं और इसका उपयोग कई तरह के लेनदेन जैसे-मोबाइल,डीटीएच रिचार्ज, बिजली बिल भुगतान,सामानों की खरीददारी इत्यादि में कर सकते हैं।इसके जरिए आप अपने सेविंग बैंक अकाउंट्स को Paytm UPI से जोड़कर पैसों को एक अकाउंट से दूसरे अकाउंट तक आसानी से भेज सकते हैं।जिसके लिए आपको कोई शुल्क का भुगतान नहीं करना पड़ता है।Paytm की सेवाओं की शुरुआत अगस्त 2010 में हुई थी।

Paytm का संचालन इसकी मूल कंपनी One97 Communications Limited द्वारा होता है।जिसकी स्थापना वर्ष 2000 में विजय शेखर शर्मा के द्वारा नई दिल्ली में की गई थी।इसका मुख्यालय नोइडा में स्थित है।वर्तमान में इसके मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) विजय शेखर शर्मा हैं।

• Paytm IPO की शुरुआत कब हुई थी :

वर्ष 2021 में Paytm देश की सबसे बड़ी निजी क्षेत्र की IPO लेकर आई थी।इसने अपने IPO के जरिए कुल 18,300 करोड़ रूपए जुटाने का लक्ष्य रखा था।इसकी खरीददारी के लिए 8 से लेकर 10 नवंबर तक 3 दिनों का समय निर्धारित किया गया था।इस IPO की मूल्य सीमा ₹2080 से ₹2150 के बीच थी।इसका लॉट साइज 6 था,जिसकी कीमत ₹12,880 रखी गई थी।15 नवंबर 2021 को कंपनी द्वारा निवेशकों को शेयर्स अलॉट किए गए तथा18 नवंबर 2021 को IPO भारतीय स्टॉक एक्सचेंज-BSE तथा NSE में लिस्ट हो गया।

• Paytm Share Price लगातार क्यों गिर रहा है :

Paytm Share Price Today

18 नवंबर 2021 को कंपनी के शेयर्स स्टॉक्स एक्सचेंज पर लिस्ट हुए।अपने शुरुआती दिन में शेयर ₹1560.80 पर खुली।इसके बाद 26 नवंबर 2021 को इसका मूल्य ₹1782.60 तक बढ़ा।जो इस शेयर का उच्चतम मूल्य था।फिर इसके गिरने का सिलसिला जारी हो गया।वर्ष 2021में एक बड़ी गिरावट 13 मई को दर्ज की गई थी।इस दिन इसकी कीमत ₹543.15 तक पहुंच गई थी।अब तक की सबसे बड़ी गिरावट 17 नवंबर 2022 को हुई थी,जब इसका मूल्य 10 प्रतिशत टूटकर ₹535 तक पहुंच गया।

मार्च 2021 में‌‌ रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने Paytm Paymens Bank द्वारा नए ग्राहकों को जोड़े जाने पर प्रतिबंध लगा दिया था।जिस कारण कंपनी की पूंजी पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ा तथा कंपनी की पूंजी इकट्ठा करने एवं बढ़ाने का एक मुख्य जरिया कम हो गया था।वर्तमान में भी यह प्रतिबंध जारी है और यही Paytm Share Price में गिरावट का प्रमुख कारण है।

अगस्त 2022 में रिजर्व बैंक ने डिजिटल लोन से संबंधित धोखाधड़ी को रोकने के लिए डिजिटल लेंडिंग से संबंधित एक गाइडलाइंस जारी की।जिसके मुताबिक अब रेगुलेटेड कंपनियों या संस्थाएं ही डिजिटल लोन प्रदान कर सकेंगी।इसका मतलब था कि Paytm अब सीधे लोगों को लोन नहीं दे सकती थी।लोन‌ देने के लिए इसे किसी बैंक या वित्तीय संस्था की मदद लेनी पड़ेगी।इसके अलावा ग्राहकों के निजी जानकारी से संबंधित सभी सूचनाओं को सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी लोन देने वाले कंपनी के ऊपर ही डाल दी गई।इस समाचार के बाद 12 अगस्त 2022 को कंपनी के शेयर्स 6 प्रतिशत से अधिक टूटे।

नवंबर 2022 में कंपनी को एक बड़ा झटका तब लगा जब इसकी दूसरी सबसे बड़ी हिस्सेदारी वाली कंपनी सॉफ्टबैंक ने अपना 4.5 प्रतिशत हिस्सा बेचने का निर्णय लिया।इससे कंपनी के शेयर्स 10 प्रतिशत तक गिर गए।

इन सबका असर खुदरा निवेशकों पर भी देखने को मिल रहा है।लॉक-इन पीरियड की समाप्ति पर वे अपने शेयर्स को बेचकर अपना बचा पैसा निकाल लेना चाहते हैं।जिससे Paytm Shares के ऊपर दबाव बढ़ता ही जा रहा है।इसके गिरने का सिलसिला आगे भी जारी रहा सकता है। 

• Paytm Share Price की गिरावट में निवेश की क्या संभावनाएं हैं :

वर्तमान में Paytm Share Price की गिरावट नए निवेशकों के लिए एक सुनहरा अवसर लेकर आया है।किसी भी कंपनी में उतार -चढ़ाव तो होते ही रहता है।इसका ये मतलब नहीं कि कंपनी ही खत्म हो जायेगी।वैसे भी भारत में Paytm एक मुख्य मोबाइल पेमेंट्स कंपनी है।जिसका नेटवर्क बहुत बड़ा है।इसकी पहुंच आज हर छोटे से बड़े व्यापारी एवं आम व्यक्ति तक है।इसके साथ ही यह भरोसेमंद भी है।इसलिए इसके डूबने की संभावना बहुत ही कम है।पिछले वर्ष भी स्थिति कुछ ऐसी ही थी।लेकिन कंपनी विषम परिस्थितियों में भी डटी रही और नुकसान को मुनाफे में बदल दिया।वर्तमान समय में भी यही स्थिति बरकरार है।यह समय नए निवेशकों के लिए फायदे का सौदा होगा।अगर वे इसमें निवेश करते हैं तो अगले दो-तीन वर्षों में कंपनी एक तगड़ा मुनाफा दे सकती है।


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