कैसे एक Missed Call आपका पूरा बैंक अकाउंट खाली कर सकता है

online banking fraud kya hai

आज के वर्तमान दौर में इंटरनेट और मोबाइल बैंकिंग जैसी सुविधाओं ने जहां एक ओर लोगों के लिए पैसों‌ के आदान-प्रदान को काफी आसान बना दिया है, वहीं दूसरी ओर इसने कई खतरों को भी जन्म दिया है। जिस कारण आजकल ऑनलाइन फ्रॉड के मामले भी काफी बढ़ गए हैं। लोगों के बैंक अकाउंट में पड़े हुए पैसे कुछ ही सेकेंड्स में गायब हो रहे हैं और लोगों को इसका पता बहुत देर से चल रहा है। इसलिए अगर आप भी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन करते हैं तो आपको भी सतर्क रहने की जरूरत है। क्योंकि ऑनलाइन ठगी करने वालों ने एक नई तरकीब निकाली है। जिसमें आपको फोन करके न ओटीपी पूछा जाता है और न ही एटीएम पिन नंबर। लेकिन आपके पैसे झट से गायब हो जाते हैं। ठगों द्वारा अपनाई जा रही इस नई तकनीक को सिम स्वैपिंग कहा जाता है।

• सिम स्वैपिंग क्या होता है :

सिम स्वैपिंग एक ऐसा तकनीक है जिसमें एक सिम की अदला-बदली की जाती है। मतलब एक व्यक्ति के द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले मोबाइल नंबर को दूसरे सिम कार्ड में ट्रांसफर किया जाता है। जिस कारण पुराना सिम कार्ड बंद हो जाता है तथा उसमें से नेटवर्क भी गायब हो जाता है। अगर इस मोबाइल नंबर से उस व्यक्ति के बैंक अकाउंट्स लिंक्ड होते हैं तो ठग इस मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करके इंटरनेट बैंकिंग तथा यूपीआई पासवर्ड्स बदल देते हैं। फिर उसका सारा पैसा ठग के द्वारा दूसरे अकाउंट्स में ट्रांसफर कर लिया जाता है। इस तकनीक का उपयोग आजकल ऑनलाइन ठगी करने के लिए काफी ज्यादा हो रहा है। 

• दिल्ली के एक व्यापारी से मिस्ड कॉल के जरिए 50 लाख रुपए से अधिक की ठगी :

सिम स्वैपिंग के जरिए बैंक अकाउंट से पैसे गायब करने का एक मामला हाल ही में प्रकाश में आया है। यह ठगी दिल्ली के एक व्यापारी के साथ हुआ है। जिसमें उसके अकाउंट से 50 लाख रुपए से अधिक की राशि गायब हो गई है। हालांकि उस व्यक्ति ने दिल्ली साइबर सेल में अपनी शिकायत दर्ज की है। 

पुलिस को दिए गए बयान के अनुसार उस व्यक्ति को सबसे पहले एक अंजान नंबर से बहुत सारे कॉल्स आते हैं। चूंकि नंबर अंजाना था, इसलिए वह व्यक्ति कॉल नहीं उठाता है। लेकिन उसे लगातार कॉल्स आते रहते हैं। फिर जब वह कॉल उठाता है तो दूसरी तरफ से कोई आवाज नहीं आता है। जिस कारण वह कॉल काट देता है। फिर कुछ देर बाद उसके मोबाइल नंबर पर कई सारे मैसेज आने लगाते हैं। मैसेज चेक करने पर उसे पता चलता है कि उसके अकाउंट से लगभग 50 लाख रुपए गायब हो गए हैं।

पुलिस के मुताबिक यह एक सिम स्वैपिंग का मामला है। क्योंकि व्यक्ति से फोन पर न‌ तो ओटीपी मांगा गया था और न ही बैंक अकाउंट की डिटेल्स।फिर उसके पैसे गायब हो गए। इस तरह के मामले साइबर सेल्स में प्रतिदिन दर्ज होते रहते हैं।

• ऑनलाइन ठगी होने पर हमें क्या करना चाहिए :

अगर किसी के साथ ऑनलाइन फ्रॉड हो जाता है तो उस व्यक्ति को सबसे पहले पुलिस के पास जाना चाहिए तथा साइबर सेल में इसकी लिखित शिकायत दर्ज करनी चाहिए। फिर उस एफआईआर की एक कॉपी अवश्य ले लेनी चाहिए। इसके बाद बैंक को इसकी जानकारी देनी चाहिए। इससे ठगों के द्वारा बैंक अकाउंट से गायब किया गया पैसा वापस मिल जाता है। क्योंकि आरबीआई की पॉलिसी के अनुसार अगर किसी व्यक्ति को गैरकानूनी ट्रांजेक्शन के कारण नुकसान होता है और वह तुरंत बैंक को इसकी सूचना देता है तो बैंक के द्वारा उस ग्राहक को पैसा लौटाना पड़ेगा। लेकिन इसकी भी कुछ शर्तें हैं।

अगर ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार हुआ व्यक्ति 3 दिनों के अंदर बैंक को इसकी सूचना देता है तो बैंक बिना किसी शुल्क के ग्राहक का पैसा वापस कर देता है। जबकि 3 दिन बाद रिपोर्ट करने पर ग्राहक को 25 हजार रूपए तक का नुक्सान उठाना पड़ सकता है।


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