ऐसा देश जो अपनी जीत की खुशी में पूरी रात नहीं सोया

fifa world cup final 2022

शायद ही ऐसा कभी हुआ होगा जब कोई देश अपनी जीत का जश्न मनाने के लिए पूरी रात न सोया हो। फीफा वर्ल्ड कप 2022 में जब अर्जेंटीना ने फ्रांस को हरा दिया तो लोगों की भीड़ सड़कों पर उतर आई। 18 दिसंबर 2022 को कतार के लुसैल स्टेडियम में खेले गए फीफा वर्ल्ड कप के फाइनल में अर्जेंटीना ने 36 वर्षों बाद जीत हासिल की है। जो फुटबॉल खिलाड़ियों के साथ-साथ देश के लोगों के लिए भी काफी गर्व की बात है। जैसे ही लियोनेल मेस्सी ने जीत की ट्रॉफी को अपने हाथों में लेकर उसे चूमा तो अर्जेंटीना के लोग खुशी से झूम उठे। अपनी खुशी का इजहार करने के लिए लोग धीरे-धीरे सड़कों पर जमा होने लगे और देखते ही देखते एक भारी भीड़ इकट्ठा हो गई। इतनी ही नहीं लोग रात भर सड़कों पर ही डटे रहे। जिसे नियंत्रित करना सरकार और पुलिस प्रशासन के लिए भी काफी कठिन हो गया था। यह घटना सोमवार के दिन हुई थी। लेकिन इसके दूसरे दिन यानि मंगलवार को भी लोग अपनी जगह पर ही डटे । जिसके कारण अर्जेंटीना की सरकार को मंगलवार के दिन राष्ट्रीय अवकाश घोषित करना पड़ा। इस दिन स्कूल, कॉलेज,बैंक, सरकारी ऑफिस इत्यादि सभी संस्थाओं में छुट्टी दे दी गई थी। 

लियोनेल मेस्सी फुटबॉल जगत के एक दिग्गज खिलाड़ी है। जिससे दुनिया के सभी लोग भलीभांति परिचित हैं। उसका जादू लोगों के सर चढ़कर बोलता है। जिसकी एक झलक पाने के लिए फुटबॉल दीवाने पागल हो जाते हैं। इस जीत के बाद उसकी प्रसिद्ध और बढ़ गई है। चारों तरफ उसे के नाम की चर्चा हो रही है। इंटरनेट पर भी इस समय यह एक ट्रेंडिंग टॉपिक बना हुआ है। एक दौर था जब दुनिया के ओग अर्जेंटीना के फुटबॉलर डिएगो माराडोना के दीवाने हुआ करते थे। लोग उसका मैच देखने के लिए काफी उत्सुक रहते थे। उसने कई बार देश को फीफा वर्ल्ड कप की ट्रॉफी दिलाई थी। अपने बेहतर प्रदर्शन के लिए उसे कई पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया था। वहीं जोश और उत्साह आज भी देखने को मिला।

• फीफा वर्ल्ड कप का फाइनल मैच इतना रोमांचक क्यों रहा :

जब 18 दिसंबर को फीफा वर्ल्ड कप का फाइनल मैच खेला जा रहा था तो सभी की निगाहें दोनों टीमों पर टिकी हुई थीं। लोग अनुमान ही नहीं लगा पा रहे थे कि कौन-सी टीम जीतेगी। इसलिए कतर के लुसैल स्टेडियम में खेला गया यह फाइनल मैच काफी रोमांचक रहा। इस मैच में काफी उतार-चढ़ाव देखने को मिला। लियोनेल मेस्सी जो अर्जेंटीना टीम के दिग्गज खिलाड़ी हैं, अकेले ही बागडोर संभालते हुए लगातार आगे बढ़ता जा रहा था। फिर अर्जेंटीना के कप्तान किलियन एम. बापे ने बेहतर प्रदर्शन करते हुए फ्रांस पर दबाव बनाया। फ्रांस की टीम ने भी इसका करारा जवाब देते हुए अर्जेंटीना को मुश्किल में डाल दिया था। आखिर तक दोनों टीमों ने एक-दूसरे के ऊपर दबाव बरकार रखा। दोनों टीमें  3-3 गोल के साथ बराबरी पर थीं। जिस कारण इस मैच के क्लाइमेक्स में लोगों की सांसें अटक गई थीं। फिर पेनाल्टी शूटआउट राउंड शुरू हुआ। जिसमें अर्जेंटीना ने 1 गोल की बढ़त के साथ ऐतिहासिक जीत को अपने नाम दर्ज कर लिया।


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