कौन है विश्व के पहले हिंदू द्वीप कैलाशा द्वीप को बसाने का दावा करने वाले बाबा नित्यानंद

baba nityanand

21 अक्टूबर 2018 के दिन एक ऐसी घटना घटती है जो पूरी दुनिया में सनसनी फैला देती है। इस दिन इंटरनेट पर एक ऐसी वेबसाइट पब्लिश की जाती है जो विश्व के पहले हिंदू द्वीप "कैलाशा द्वीप" को हम सभी के सामने प्रस्तुत करती है। यह द्वीप अमेरिका के किसी अज्ञात स्थान पर स्थित था। इस वेबसाइट पर वे सभी महत्वपूर्ण जानकारियां और सबूत दिए जाते हैं जो इस अज्ञात द्वीप को हिंदू राष्ट्र घोषित करने के लिए जरूरी होता है। इसमें इसे दुनिया का सबसे महान और सबसे शुद्ध राष्ट्र बताया जाता है। जब वर्ष 2020 में भारत सरकार को इसकी जानकारी मिलती है तो वह पूरी तरह स्तब्ध रह जाती है। क्योंकि इस वेबसाइट को किसी और ने नहीं बल्कि भारत के एक वांछित,भगोड़े अपराधी और पाखंडी बाबा नित्यानंद ने बनाया था। जो नवंबर 2019 में ही भारत से भाग गया था। जिसके तुरंत बाद ही नित्यानंद ने दिसंबर 2019 में अमेरिका के एक द्वीप में स्वतंत्र हिंदू राष्ट्र की स्थापना की। इस राष्ट्र में दुनियाभर के वैसे हिंदुओं को शरण दी जाती है। जिन्हें अपने देशों से बेदखल किया गया है। उन लोगों को यहां रहने के लिए किसी प्रकार के वीजा की भी आवश्यकता नहीं होती है।

• कहां पर स्थित है यह हिन्दू राष्ट्र कैलाशा :

बाबा नित्यानंद के इस अज्ञात हिन्दू राष्ट्र कैलाशा की वास्तविक अवस्थिति का पता नहीं चल पाया है। लेकिन कुछ लोगों द्वारा  ऐसा कहा जा रहा है कि यह राष्ट्र लैटिन अमेरिका में इक्वाडोर के समीप ही किसी द्वीप पर स्थित है। बाबा के द्वारा ऐसा दावा किया जा रहा है कि यह राष्ट्र सभी प्रकार के बाहरी खतरों से सुरक्षित है।इसका एक अलग संविधान है तथा इस राष्ट्र को चलाने के लिए मंत्रिमंडल का भी गठन किया गया है।इस देश की मुद्रा का नाम कैलाशियन डॉलर है।

• कौन है बाबा नित्यानंद :

बाबा नित्यानंद का वास्तविक नाम ए. राजशेखरन है जो मूल रूप से दक्षिण भारत के तमिलनाडु राज्य का निवासी है। इसके नाम को लेकर भी काफी विवाद है। कहीं-कहीं इसका नाम जनार्दन शर्मा भी बताया गया है। इनके जन्म दिवस के कारण ये विवादों में घिरे थे। उसकी जीवनी के अनुसार उनका जन्म 13 मार्च 1977 को हुआ था। लेकिन कर्नाटक उच्च न्यायालय को दिए गए एक हलफनामे में उसके जन्म का वर्ष 1978 बताया गया है। उसने बचपन से ही योग,तंत्र-मंत्र, वेदों और शैल दर्शन का अध्ययन शुरू कर दिया था। अगर नित्यानंद की शिक्षा की बात करें तो उसने मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा किया है। लेकिन उसकी यह डिग्री भी फर्जी बताती जाती है। वर्ष 2000 में उसने कर्नाटक के विदाही में नित्यानंद ध्यानपीठम की स्थापना की‌ तथा उसका मठाधीश बन गया।इस मठ में योग,ध्यान और जीवन से संबंधित प्रवचनों का आयोजन शुरू किया गया। इसके तीन वर्ष बाद अर्थात वर्ष 2003 में उसने अमेरिका के लॉस एंजेलिस में लाइफ ब्लिस फाउंडेशन की स्थापना की‌। नित्यानंद के द्वारा ऐसा भी दावा किया जाता रहा है कि उसने कई देशों मठ, मंदिर और गुरू कुल भी स्थापित किया है। जिसमें सभी प्रकार की शिक्षाएं दी जाती हैं।

• बाबा नित्यानंद कब विवादों के घेरे में आ गया :

बाबा नित्यानंद तब सुर्खियों में आया जब दक्षिण भारत की एक टीवी चैनल सन टीवी के द्वारा वर्ष 2010 में उसका एक वीडियो क्लिप जारी किया गया। जिसमें वह एक अभिनेत्री के साथ आपत्तिजनक स्थिति में था। इस क्लिप के बाहर आने से बाबा नित्यानंद का हर तरफ विरोध होने लगा तथा  उसके मठ में भी ज तोड़फोड़ की गई। सड़कों पर भी उसके विरुद्ध जुलूस निकाला गया। इन सबके कारण बाबा मौका देखकर अपने मठ से फरार हो गया। पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए चारों तरफ सर्च अभियान चलाने लगी। इसी बीच हिमाचल प्रदेश पुलिस ने उसे कुंभ के मेले से गिरफ्तार कर लिया तथा उसे कर्नाटक पुलिस को सौंप दिया। गिरफ्तार के बाद भी उसके द्वारा अपना अपराध स्वीकार नहीं किया गया।उसका कहना था कि यह वीडियो पूरी तरह से फर्जी है और वीडियो में जो शख्स दिख रहा है वह मैं नहीं हूं। बाबा नित्यानंद ने उस टीवी चैनल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया था। फिर सीआईडी के द्वारा जांच करने पर यह वीडियो सही पाया गया तथा बाबा नित्यानंद के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जाती है। वर्ष 2012 में उसपर दुष्कर्म का आरोप लगता है ‌जिसके बाद वह फरार हो जाता है। लेकिन पांच दिनों तक फरार रहने के पश्चात वह आत्मसमर्पण कर देता है। लेकिन उसे कोर्ट से जमानत मिल जाती है तथा वह छूट जाता है।

इसके साथ वर्षों बाद यानि 2019 में एक दंपति कू द्वारा गुजरात उच्च न्यायालय में बाबा नित्यानंद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जाता है।उस दंपति का आरोप था कि गुजरात के अहमदाबाद में स्थित बाबा के एक आश्रम में उनके बच्चों को अवैध रूप से कैद करके रखा गया था। उसपर भारतीय दंड संहिता की धारा 344 के तहत 365 बच्चों को जबरन कैद में रखने का मामला दर्ज होता है। नित्यानंद अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को नकारता है तथा उसी वर्ष देश छोड़कर भाग जाता है। ऐसा माना जाता है कि अपने अमीर भक्तों की सहायता से ही वह देश छोड़ने में सफल हो पाया।

• बाबा नित्यानंद ने एक अलग हिंदू राष्ट्र की स्थापना क्यों की :

भारत देश से फरार बाबा नित्यानंद अपने आप को सुरक्षित रखना चाहता था। ताकि कोई उसे गिरफ्तार न कर पाए। अगर वह किसी ऐसे देश में ठहरता जिसने भारत के साथ आपराधिक मामलों में समझौता किया है तो वह देश उसे गिरफ्तार करके भारत को सौंप देती। इन सबसे बचने के लिए ही उसने अमेरिका के एक द्वीप को अपना ठिकाना बनाया तथा उस द्वीप को एक हिंदू राष्ट्र घोषित कर दिया। जहां पर उसका एकछत्र राज चलता है। इस द्वीप को खरीदने में उसके अमीर भक्तों का ही हाथ है।जिसकी बदौलत ही वह अपना साम्राज्य स्थापित कर पाया‌।आज भी उसके यूट्यूब पर करोड़ों फोलोअर्स हैं जो निरंतर उसे आर्थिक रूप से मदद कर रहे हैं। 

• वर्ष 2022 में बाबा नित्यानंद फिर सुर्खियों में क्यों है :

बाबा नित्यानंद उस समय सुर्खियों में आया है जब को कंजर्वेटिव पार्टी के सांसदों (पॉलिसी) के द्वारा उसे ब्रिटिश संसद में आमंत्रित किया जाता है। ब्रिटेन में अभी कंजर्वेटिव पार्टी की ही सरकार है तथा उसके प्रधानमंत्री रिषि सुनक हैं। भारत से फरार इस अपराधी को ब्रिटिश संसद द्वारा आमंत्रित किए जाने की खबर के बाहर निकलने के बाद भारत में फिर इस बाबा की चर्चाएं शुरू हो गई हैं तथा इसका विरोध किया जा रहा है।


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